रादुविवि विधि विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्य वक्ता शिक्षाविद् अतुल कोठारी ने कहा
जबलपुर
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विधि विभाग में कोरोना महामारी में शिक्षा के समक्ष चुनौती एवं अवसर विधिक परिदृश्य विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन बुधवार को किया गया। रादुविवि कुलपति माननीय प्रो. कपिल देव मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात शिक्षाविद् तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि विश्व सहित देश में कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने बहुत ही विषम परिस्थिति पैदा कर दी है। इससे शिक्षा तथा अर्थव्यवस्था का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। वेबिनार में उन्होंने मातृ भाषा में शिक्षा तथा शोध की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जो शिक्षा हमें दी जा रही है उसका उददेश्य स्पष्ट नही है और जब उददेश्य ही स्पष्ट नही है तो वह शिक्षा हमारे जीवन में बदलाव कैसे ला सकती है। इस प्रकार उददेश्यपरक शिक्षा की जीवन में बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि उददेश्य को ध्यान में रखते हुए बदली हुई परिस्थिति तें छात्रों को तकनीकी का प्रयोग करते हुए इंटरनेट के माध्यम से उददेश्यपरक शिक्षा दी जा सकती है।
रादुविवि कुलपति माननीय प्रो. कपिल देव मिश्र ने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि कोरोना से प्रभावित हुई इस शिक्षण व्यवस्था की समस्या को सभी शिक्षकों व शिक्षाविदें की सहायता से कुछ हद तक सुलझाया जा सकता है। शुरूआत में वेबिनार की संयोजक और विधि विभागाध्यक्ष प्रो. ममता राव ने अतिथियों का स्वागत किया और विषय प्रवर्तन विभाग की प्राध्यापक डॉ. दिव्या चंसौरिया ने किया। वेबिनार में करीब 316 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया और शामिल हुए। वेबिनार में विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉॅ. देवीलता व अन्य शिक्षक भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अश्वनी कुमार जायसवाल ने किया।
इंटरनेट में बहुमूल्य सूचनाएं उपलब्ध—
राष्ट्रीय वेबिनार में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री अशोक मेहता ने कहा कि आज इंटरनेट पर अथाह बहुमूल्य सूचनाएं उपलब्ध है। जरूरत है उसे खोजकर अपने लिए उपयोग में लाने की। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. आशुतोष मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
क्लासरूम में शिक्षण का कोई विकल्प नही
राष्ट्रीय — वेबिनार में धर्मशास्त्र विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलराज चौहान ने कहा कि क्लासरूम शिक्षण का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन वर्तमान विकट परिस्थितियों में वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करते हुए शिक्षण को जारी रखा जा सकता है। कार्यक्रम में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमके श्रीवास्तव ने कहा कि दुरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों के पास आधुनिक संचार साधन उपलब्ध न होने के कारण ऑनलाइन शिक्षण में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। अत: सरकार को चाहिए कि ग्रामीण छात्रों को आधुकिन संचान साधन उपलब्ध कराए, ताकि उन्हें भी ऑनलाइन कक्षाओं और वेबिनार का लाभ मिल सके।
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